style="color: #0000ff;">लगातार मीडिया की टीम ने चिकित्सकों से बात की. इस पर डॉक्टरों ने कहा कि सरकार जो भी आदेश जारी करेगी, उसे हर हाल में मानना है. लेकिन किसी भी फरमान या योजना बनाने के पहले डॉक्टर से सलाह लेने की जरूरत है. चूंकि यह मानव जीवन से जुड़ा मामला है. [caption id="attachment_380277" align="aligncenter" width="600"]
alt="" width="600" height="400" /> डॉ एसपी सिंह[/caption]
सरकारी डॉक्टर ज्यादा वक्त सदर अस्पताल में दे सकेंगे : सीएस एसपी सिंह
सिविल सर्जन डॉ एसपी सिंह का कहना है कि सरकार की यह नेक पहल है. इससे गरीब मरीजों को लाभ मिलेगा. निजी प्रैक्टिस पर पाबंदी लगने से सरकारी डॉक्टर ज्यादा से ज्यादा वक्त सदर अस्पताल में दे सकेंगे. CS ने कहा कि सरकार के इस फरमान से प्राइवेट हॉस्पिटल को नुकसान होगा. वहां कम मरीज जाएंगे. वैसे भी सरकारी डॉक्टरों को अपनी ड्यूटी पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है. [caption id="attachment_380280" align="aligncenter" width="600"]alt="" width="600" height="400" /> डॉ रूपेश कुमार[/caption]
काम करने की डॉक्टरों को हो पूरी आजादी : डॉ रूपेश कुमार
शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एसोसिएट प्रोफेसर के रूप में कार्यरत डॉ रूपेश कुमार कहते हैं कि भयमुक्त वातावरण में काम करने की डॉक्टरों को पूरी आजादी होनी चाहिए. सरकारी अस्पताल के 200 मीटर के दायरे में ऑपरेशन की पाबंदी पर बोले हजारीबाग के डॉक्टरों ने कहा कि सरकार जो भी आदेश जारी करेगी, उसे हर हाल में मानना है. लेकिन किसी भी फरमान को जारी करने या योजना बनाने के पहले डॉक्टर से सलाह लेने की जरूरत है. चूंकि यह मानव जीवन से जुड़ी बड़ी जिम्मेवारी है. डॉक्टर मानवता के पक्षधर हैं. सामने अगर कोई इमरजेंसी केस आ जाए, तो सबसे पहले मरीज की जान बचाने का प्रयत्न करते हैं. वहां दायरा नहीं देखा जाता है, बस जिंदगी कैसे बचे, यह देखनी होती है. [caption id="attachment_380282" align="aligncenter" width="600"]alt="" width="600" height="400" /> डॉ आरके रंजन[/caption]
सरकार का आदेश स्वागत योग्य कदम : डॉ आरके रंजन
सेंट्रल जेल हजारीबाग में अपनी सेवा दे चुके डॉ आरके रंजन कहते हैं कि सरकार का आदेश स्वागत योग्य है. यह सही है कि जब कोई डॉक्टर अगर सरकारी हेल्थ सेंटर में सेवा दे रहे हैं, तो उस वक्त प्राइवेट प्रैक्टिस की बात भी नहीं सोचनी चाहिए. रही बात 200 मीटर के दायरे में ऑपरेशन की, तो वह परिस्थितियां तय करती हैं कि क्या करना चाहिए, क्या नहीं. अगर वैसी जरूरत सामने आ जाए, तो डॉक्टर पेसेंट की हालत देखकर उसे छटपटाता छोड़ नहीं सकता. कोविड में कई डॉक्टरों ने सेवा देते-देते अपनी जान तक गंवा दी. डॉक्टरों को सरकारी ड्यूटी आवर के बाद उन्हें आजादी मिलनी चाहिए. [caption id="attachment_380283" align="aligncenter" width="600"]alt="" width="600" height="400" /> डॉ संजीव कुमार हेम्ब्रोम[/caption]
अपने ही वायदे से मुकर रही सरकार : डॉ संजीव कुमार हेम्ब्रोम
सदर अस्पताल में हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ संजीव कुमार हेम्ब्रोम कहते हैं कि झारखंड सरकार अपने ही वायदे से मुकर रही है. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की मांग पर राज्य सरकार ने यह कहा था कि सरकारी ड्यूटी के बाद डॉक्टर निजी प्रैक्टिस कर सकते हैं. उन्हें नॉन प्रैक्टिस अलाउंस भी सरकार की ओर से नहीं मिलता. ऐसे में उन्हें निजी प्रैक्टिस की छूट है. अब डॉक्टरों को दायरे में बांधा जा रहा है. हां सरकारी ड्यूटी में रहते हुए अपने कार्यों को छोड़कर किसी भी डॉक्टर को निजी प्रैक्टिस में नहीं जाना चाहिए. ऐसा कोई डॉक्टर करता भी नहीं है. [caption id="attachment_380288" align="aligncenter" width="600"]alt="" width="600" height="400" /> डॉ उमेश प्रसाद[/caption]
डॉक्टरों को किसी दायरे में बांधना उचित नहीं : डॉ उमेश प्रसाद
सदर अस्पताल में नेत्र विशेषज्ञ डॉ उमेश प्रसाद कहते हैं कि सरकार के फरमान के बाहर वे नहीं हैं. निजी प्रैक्टिस ड्यूटी के बाद ही करना है. सरकारी हेल्थ सेंटर में ड्यूटी के दौरान अपने कार्यों और दायित्वों को छोड़कर प्राइवेट प्रैक्टिस में जाना उचित नहीं है. ऐसा करना भी नहीं चाहिए. हालांकि सरकार को डॉक्टरों के कार्यों पर किसी प्रकार का प्रतिबंध लगाने की जरूरत नहीं है. डॉक्टर बखूबी अपना दायित्व समझते हैं. हालात देखकर वह मरीजों का इलाज करते हैं कि उन्हें कैसे चंगा करना है. डॉक्टरों को किसी दायरे में बांधना उचित नहीं है. इसे भी पढ़ें- राहुल">https://lagatar.in/rahul-gandhi-called-the-modi-government-hitler-said-the-government-lies-that-there-is-no-unemployment-there-is-no-inflation/">राहुलगांधी ने मोदी सरकार को हिटलर करार दिया, कहा, सरकार झूठ बोलती है कि बेरोजगारी नहीं है, महंगाई नहीं है, भाजपा ने देश बर्बाद कर दिया [wpse_comments_template]